कमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठनों का महाप्रबंधक कार्यालय पर धरना 10 जून को – मुन्नीलाल,सिंगरौली से संवाद न्यूज ब्यूरो गोबिन्द राज की रिर्पोट

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सरकार के कथनी एवं करनी में अंतर से कर्मचारियों असंतोष

सिंगरौली – बीएमएस के एनसीएल मुख्यालय स्थित रीजनल कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के उपाध्यक्ष एवं एनसीएल प्रभारी मुन्नी लाल यादव ने बताया कि कमर्शियल माइनिंग के विरोध में 10 जून को 10:00 बजे से 5:00 बजे तक राष्ट्रव्यापी धरना महाप्रबंधक कार्यालयों पर धरना देकर कोयला मंत्री एवं प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि 1973 के पहले एनसीएल कामगारों की जो स्थिति थी वही स्थित सरकार फिर से लाने जा रही है। कोल इंडिया का राष्ट्रीयकरण किया गया जिससे कोल फील्ड में काम करने वाले मजदूर एवं उनका परिवार सुरक्षित है। लेकिन भारत सरकार कमर्शियल माइनिंग के माध्यम से कोल्ड इंडिया को निजी करण की ओर ले जा रही है । आने वाली पीढ़ी के लिए कमर्शियल माइनिंग ठीक नहीं है। 10 जून की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ के साथ ही कोल्ड इंडिया के पांचों महासंघ हड़ताल में रहेंगे । जिसमें इंटक एटक सीटू एचएमएस बीएमएस शामिल है इसके साथ ही फेडरेशन के अध्यक्ष बीके राय की कमर्शियल माइनिंग के मुद्दे को लेकर विद्युत फेडरेशन आदि से भी 10 जून की हड़ताल को सफल बनाने की बात चल रही है। इसमे एनसीएल के सभी मजदूरों को 10 जून को धरना एवं 11 जून को काला दिवस मनाकर विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर आपसी भेदभाव भूलकर शामिल होना चाहिए । इस मौके पर भारतीय कोयला खदान श्रमिक संघ के महामंत्री पीके सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा 2014 से कमर्शियल माइनिंग कि बात चल रही है। जब श्रमिक संगठन एकजुट होकर इसका विरोध करता है उस समय कोयला मंत्री आश्वासन देते हैं कि कोल इंडिया का निजीकरण नहीं होगा। उनके कथनी एवं करनी में काफी फर्क है । वही भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीना के महामंत्री अरुण कुमार दुबे ने कहा कि यदि कोल इंडिया के पांचों श्रमिक संगठन एकजुट होकर कमर्शियल माइनिंग का विरोध नहीं करेंगे तो आने वाले दिन में कोल्ड इंडिया की हालात बीएसएनल जैसे हो जाएगी उन्होंने बताया कि सरकार 11 जून को 50 कोल ब्लॉक का ई- ऑक्शन से नीलामी करने जा रही है । एक तरफ सरकार कहती है की कोल इंडिया का निजीकरण नहीं किया जाएगा दूसरी ओर 50 कोल ब्लॉकों का नीलामी करने जा रही है। सरकार के कथनी करनी में काफी फर्क है उन्होंने कहा कि कमर्शियल माइनिंग होने से नए कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में डूब जाएगा। जिससे कर्मचारियों के साथ ही उनके परिवार को भी परेशानी उठानी पड़ सकती है। 10 जून की हड़ताल को सफल बनाने के लिए यदि जरूरत पड़ी तो एनसीएल कर्मचारी पूरे परिवार के साथ धरने पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे। एचएमएस के महामंत्री अशोक कुमार पांडे ने कहा कि सरकार कमर्शियल माइनिंग के माध्यम से कोल इंडिया को निजी करण की ओर ले जा रही है आने वाले दिनों में इसकी हालत बीएसएनल जैसे हो जाएगी इसलिए सभी यूनियनों को एकजुट होकर इसका विरोध प्रदर्शन करना चाहिए वार्ता में मौजूद भारतीय कोयला खदान श्रमिक संघ के अध्यक्ष हीरामणि यादव ने कहा कि कोल इंडिया द्वारा आउटसोर्सिंग एवं एनसीएल के सीएचपी एवं कोल ट्रांसपोर्टिंग में हाई पावर कमेटी का वेज लागू किया गया है। जिसमें आउटसोर्सिंग कंपनियों में मजदूरों को दिया जा रहा है लेकिन सीएचपी एवं कोल ट्रांसपोर्टिंग में कार्य करने वाले मजदूरों को आज भी हाई पावर कमेटी का वेज भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 10 जून को सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाकर तथा धरने वाले स्थान पर सैनिटाइजेशन कर लाक डाउन के नियमों का पालन करते हुए एनसीएल के सभी महाप्रबंधक कार्यालयों पर धरना देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने आए हुए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया । इस मौके पर अखिल भारती कोयला खदान मजदूर संघ के सदस्य बेचूलाल, मीडिया प्रभारी देवेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष अजय मिश्रा, रावल दासगुप्ता, एचएमएस के मोनू मिश्रा आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

गोबिन्द राज, ब्यूरो संवाद न्यूज सिंगरौली

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