बनने के बाद कैसा होगा श्रीराम मंदिर,161 फिट ऊंचे बनने वाले दिव्य मंदिर की खास बातें,5 अगस्त को 12:15 बजे रखी जाएगी आधार शिला, संवाद न्यूज डिप्टी हेड अनुपम गुप्ता (स्वामीजी)की रिपोर्ट

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नई दिल्ली, जेएनएन। Ayodhya Ram Mandir Model श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन तो बुधवार को होना है लेकिन इससे पहले मंगलवार को नए मॉडल की तस्वीर सामने आ गई है। भूमि पूजन का तीन दिवसीय अनुष्ठान सोमवार सुबह नौ बजे शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमि एवं शिला पूजन किया जाना है, इस दौरान कई विशिष्ट लोग इसके साक्षी बनेंगे।

पहले मॉडल में दो गुंबद और शिखर बने थे।

अब इसमें गुंबदों की संख्या पांच कर दी गई है। शिखर की ऊंचाई 161 फीट की गई है। मंदिर के आधार को भी बढ़ा दिया गया है। इसमें हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को बैठने की जगह मिलेगी। राम मंदिर का निर्माण जिस दिन से शुरू होगा, उस दिन से करीब तीन या साढ़े तीन साल का वक्त लगेगा। इसके अलावा मंदिर निर्माण के लिए समाज से धन संग्रह किया जाएगा।

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि प्रस्तावित राम मंदिर मॉडल 128 फीट ऊंचा है, जिसे बढ़ाकर 161 फीट ऊंचा करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा गर्भगृह के आसपास अब 5 गुंबद बनाए जाएंगे, जबकि पहले तीन गुंबद बनने थे। राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया था कि राम मंदिर प्रारूप के भू-तल वाले हिस्सों के पत्थरों की तराशी पूरी हो चुकी है।

राम मंदिर के भू-तल में सिंहद्वार, गर्भगृह, नृत्यद्वार, रंगमंडप बनेगा। इसके अलावा मंदिर में 212 खंभे होंगे। जिसमें से पहली मंजिल में 106 खंभे और दूसरी मंजिल में 106 खंभे बनाए जाएंगे। प्रत्येक खंभे में 16 मूर्तियां होंगी और मंदिर में दो चबूतरे भी होंगे।

प्रधानमंत्री बुधवार को रामनगरी में दो घंटे 50 मिनट तक प्रवास करेंगे। उनका हेलीकॉप्टर पूर्वाह्न् 11:30 बजे ही राम जन्मभूमि परिसर से बमुश्किल पांच सौ मीटर दूर साकेत महाविद्यालय परिसर में बने हेलीपैड पर उतरेगा, पर प्रधानमंत्री पहले से ही तय 12:15 बजे पवित्र अभिजित मुहूर्त में आधारशिला रखेंगे। इसमें नौ ईंटों का प्रयोग किया जाएगा, जो चार दिशाओं, चार कोणों और स्थान देवता की परिचायक होंगी। इससे पूर्व करीब 10 मिनट तक प्रधानमंत्री रामजन्मभूमि, स्थान-वास्तु सहित आधारशिला में प्रयुक्त होने वाली ईंटों का पूजन करेंगे।

तस्वीर स्रोत: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

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