छतरपुर – कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी शीलेन्द्र सिंह ने गृह विभाग के 15 अक्टूबर 20 को जारी परिपत्र के निर्देशानुसार दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत आगामी त्यौहारों और धार्मिक आयोजनों के दौरान कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम और बचाव के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियों की संचालन के संबंध में आदेश जारी किया है। उक्तादेश छतरपुर जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में 16 अक्टूबर 2020 से आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कंटेनमेंट क्षेत्र के बाहर सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनैतिक, रामलीला एवं रावण दहन इत्यादि कार्यक्रमों के खुले मैदान में जनसमूह के संबंध में उल्लेख किया गया है, जिसके तहत संबंधित एसडीएम द्वारा खुले मैदान में कार्यक्रम आयोजन के लिए मैदान के आकार को ध्यान में रखकर और फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाईजेशन और थर्मल स्कैनिंग व्यवस्था के पालन की शर्त पर 100 से अधिक संख्या के जनसमूह के कार्यक्रम के लिए अनुमति प्रदान की जा सकेगी।
आयोजकों को कार्यक्रम आयोजन के लिए संबंधित एसडीएम को लिखित आवेदन में कार्यक्रम की तिथि, समय, स्थान और संभावित संख्या का उल्लेख करना जरूरी होगा। एसडीएम द्वारा इस संबंध में प्राप्त आवेदन पर निर्णय कर लिखित अनुमति प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की संख्या और शर्तों का पालन कराने की जिम्मेवारी आयोजकों की होगी।
आयोजकोें द्वारा कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराने के उपरांत कार्यक्रम समाप्ति के 48 घंटों में एसडीएम को सौंपना होगी।
मेलों के आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा।
छतरपुर जिले में आगामी आदेश तक धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन पर प्रतिबंध लागू रहेगा। इसके अलावा धार्मिक स्थलों के बंद कक्ष अथवा हॉल में एकत्र होने वाले श्रद्धालुओं के संबंध में एसडीएम द्वारा कुल उपलब्ध स्थान के आधार पर अधिकतम सीमा निर्धारित की जाएगी, जिससे श्रद्धालुओं के मध्य दो गज की दूरी सुनिश्चित करते हुए पूजा-अर्चना की जा सकेगी, लेकिन एक समय में उपस्थितजनों की संख्या 200 से अधिक नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही धार्मिक स्थल प्रबंधन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोविड-19 की रोकथाम के तारतम्य में फेस मास्क की बाध्यता और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन धर्मावलंबियों द्वारा किया जाए। बगैर अनुमति के निर्धारित संख्या से अधिक जनसमूह के कार्यक्रम करने अथवा प्रदत्त अनुमति में उल्लेखित शर्तों का उल्लंघन करने पर संबंधितों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही के साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अंतर्गत और भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डनीय कार्यवाही की जाएगी।
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