राजस्व. एवं पुलिस की हीला हवाली से नही बन पा रही.ग्रामीण सड़कें, संवाद न्यूज के लिये शिवरतन नामदेव की रिपोर्ट

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राजस्व और पुलिश के असहयोग से पक्की पीएम सड़कें बनी सपना (मामला जिले में बन रही अधूरी पड़ी पीएम सड़कों का जहां सरहंग और असामाजिक तत्व पड़ रहे भारी, रोक कर रखी है कई महत्वपूर्ण सड़कें, न पुलिश सहयोग दे रहा न तो राजस्व विभाग, सीमांकन और नक्सा तरमीन न होने से बाधित हैं सैकड़ों पीएम सड़कें)

समाजसेवी शिवानन्द द्ववेदी ने उठाई आवाज

दिनांक 15 जून 2019, कटरा-रीवा

जिले की निर्माणाधीन प्रधानमंत्री सड़कों पर सरहंगों और असामाजिक तत्वों का साया है। जिले भर में पचासों ऐसी पीएम सड़कें हैं जिनके निर्माण से गांव गांव में पक्की पीएम सड़कें मिल जाएं जिससे ग्रामीण विकास को एक नई गति मिले लेकिन राजस्व और पुलिश विभाग की कृपा से अब ग्रामो में पक्की सड़कें सपना बनती जा रही हैं। जहां एक तरफ हर गांव के लिए पक्की पीएम सड़कें काफी मुश्किल कार्य था वही अब केंद्र सरकार इसे पूरा कर हर राजस्व ग्राम को पक्की सड़कों से जोड़ना चाह रही है लेकिन ठेकेदारों की लापरवाही, मप्र ग्रामीण सड़क विकाश प्राधिकरण की उपेक्षा और साथ ही राजस्व और पुलिश विभाग की कृपा के चलते हर ग्राम को पक्की पीएम सड़कों से जोड़ने का केंद्र सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। कहीं जमीन का विवाद तो कहीं आपसी विवाद तो कहीं सरहंगों और असामाजिक तत्वों का साया। ऐसा लगता है जैसे हर गाँव मे विकाश विरोधी शनीचर बैठे इसी ताक में रहते हैं कौन विकाश की योजना आये और बस यह रुहल्ले कूद पढ़ें उसे बाधित करने के लिए।
पर इन सबमे प्रशासन का रोल काफी अहम है लेकिन प्रशासन की मेहरबानी के चलते सरहंगों और रुहल्लों का ही बोलबाला है।

💥 लालगांव-हिनौती मार्ग से बड़ोखर-करहिया पीएम सड़क मार्ग किया बाधित*

राजस्व और पुलिश विभाग की कृपा से लालगांव-हिनौती मुख्य सड़क मार्ग से बड़ोखर-करहिया मार्ग को असामाजिक तत्वों ने बाधित करके रखा हुआ है।
आलम यह है कि प्रचलित मार्ग पर कार्य कराए जाने हेतु एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक मऊगंज यूनिट के आर के तिवारी ने अनुविभागीय अधिकारी पुलिश और तहसीलदार, एसडीएम, डीएम-कलेक्टर एवं एसपी रीवा तक सभी को पृष्ठांकित करते हुए प्रतियां भेजी हैं लेकिन अब तक न तो राजस्व विभाग ने और न ही पुलिश विभाग ने इस बाबत कोई कार्यवाही की है।

💥 लालगांव पुलिश आयी और गयी*

पीएम सड़क विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वह पिछले 3 सप्ताह से पुलिश थाना गढ़, चौकी लालगांव एवं तहसीलदार मनगवां के चक्कर काट रहे हैं लेकिन अब तक कार्यवाही के नाम पर कभी पुलिश बल का अभाव बताया गया तो कभी एक अधिकारी द्वारा दूसरे अधिकारी के ऊपर मामला थोप दिया गया।

अभी पिछले दिनों कार्यवाही के नाम पर गढ़ थाना प्रभारी राम सिंह खंजर द्वारा लालगांव चौकी प्रभारी गौरव नेमा को भेजा गया तो नेमा मात्र बाधित भौखरी-शिसवा सड़क मार्ग का मुआयना करके वापस चला आया और बोला कि यह राजस्व विभाग का मसला है जाकर एसडीएम और तहसीलदार को भी बुलाओ तब कार्यवाही करेंगे।

💥 जिले भर की सैकड़ों पीएम सड़कों पर सरहंगों का साया*

वहरहाल यह हाल मात्र गंगेव ब्लॉक की कुछ पीएम सड़कों का ही नही है। जिले भर की सैकड़ों पीएम सड़कें मात्र असामाजिक तत्वों के चलते रुकी हुई हैं जिसका खामियाजा हज़ारों लाखों की तादाद की आम जनता और बच्चों और बीमार महिलाओं बूढ़े बुजुर्गों को उठाना पड़ रहा है। बरसात के चार महीनों में न तो कोई स्कूल बस न कोई एम्बुलेंस और न ही कोई पब्लिक 4 पहिया वाहन ऐसे ग्रामों में घुस पा रहा है।

 यह हाल हैं गंगेव की पीएम सड़कों के

गंगेव ब्लॉक की बात करें तो पिछले पांच सालों से 3 करोड़ 33 लाख रुपये की लागत से बनाई जाने वाली अगडाल (लौरी) से कैथा 9.6 किमी मार्ग, लालगांव-हिनौती मुख्य सड़क मार्ग से करहिया-बड़ोखर 1.2 किमी मार्ग, भौखरी से कोल्हाई और शिसवा मार्ग सभी पर सरहंगों और असामाजिक तत्वों का साया है। जगह जगह सड़क पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण के चलते सड़क अधूरी पड़ी है।

💥 जिला कलेक्टर का रोल अहम*

सवाल यह है कि जब एमपीआरडीसी के महाप्रबंधक ने एसडीओपी, एसपी, एसडीएम और जिला कलेक्टर को लिखित तौर पर लेटर जारी कर दिया है तो आखिर जिला कलेक्टर गंभीरता पूर्वक इस पर संज्ञान क्यों नही ले रहा है? जहां तक सवाल पुलिश विभाग का है तो पुलिश विभाग ने अब तक इस विषय मे मात्र हीलाहवाली ही की है। मऊगंज एमपीआरडीसी के सहायक प्रबंधक द्वारा एसडीओपी मनगवां को व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात के बाद और हांथोहाँथ लेटर देने के बाद भी बिना किसी पुख्ता कारण के रोड रोके जाने वाले मामलों में कोई कार्यवाही की रुचि नही ली यह प्रशासनिक उदासीनता को ही दर्शाता है।

क्या इस बरसात में भी कीचड़ में ही सड़ेगी आम जनता?*

अब देखना यह है कि कैथा-अगडाल वाले मामले की तरह क्या पिछले 5 साल से कीचड़ में सड़ रही, चौमासे में परेशान आम जनता क्या एकबार फिर इसी कीचड़ में सड़ेगी? क्योंकि मानसून तो दस्तक दे ही चुका है बस बादलों के बरसने की देर है। जहां सभी सिविल कंस्ट्रक्शन के कार्य 15 जून के बाद बन्द हो जाते हैं वहीं अब देखना यह होगा क्या कुछ हो पायेगा की नही।

राजस्व, पुलिश, एमपीआरडीसी की कृपा पर सरहंग और असामाजिक तत्वों की ही तूती बोलने वाली है। बांकी बहुतायत जनता की कोई सुनने वाला नही दिख रहा।

वाह रे इस देश का लोकतंन्त्र और धिक्कार है जनता के टैक्स पर पलने वाले इन नमक हराम विभागों पर!

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