वेतन नही मिलने से अतिथि शिक्षक जी रहे बदहाल जिंदगी, पढिये पूरी खबर संवाद न्यूज पर गुनौर से पत्रकार वेद प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट

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अतिथि शिक्षकों को नही मिला वेतन, संकट मे जिंदगी
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आदेशानुसार प्रत्येक माह अतिथि शिक्षकों को वेतन दिए जाने के सख्त निर्देश दिए गए परंतु लापरवाह अधिकारियों ने सिर्फ अपनी वेतन आहरित करने को ही प्राथमिकता दी है बल्कि गरीब अतिथि शिक्षकों की वेतन का भुगतान करने में इनके द्वारा किसी प्रकार का कोई भी मापदंड नहीं बनाया गया मनमाने तरीके सेअतिथि शिक्षकों को अनियमित शिक्षक की भांति समझते हुए दुर्व्यवहार करते हुए द्वेष भावना से  प्रेरित होकर किसी प्रकार की दिलचस्पी ना दिखाते हुए और समय पर भुगतान न करने की कसम खा रखी है जिले को अभी हाल में ही हुई नई सौगात के रूप में नवागत कलेक्टर महोदय कर्मवीर शर्मा  से अतिथि शिक्षको ने समाचार पत्र के माध्यम से    इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल हस्तक्षेप करने का विशेष आग्रह किया है

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शिक्षा सत्र समाप्त होकर दूसरा सत्र शुरू होने के वावजूद अतिथि शिक्षकों को अभी तक नहीं मिली वेतन
शिक्षा विभाग ने पूरे सत्र अतिथि शिक्षकों से निरंतर कार्य कराया बावजूद पगार मिलने की स्थिति में पोर्टल खराब और ऑफलाइन ऑनलाइन का चक्कर बता कर कर रहे वेतन देने में आनाकानी
गरीब अतिथि शिक्षक पैसे की तंगी से हो रहे अति परेशान , भीषण तेज गर्मी में अतिथि शिक्षकों का परिवार बीमारियों की चपेट में पैसों के अभाव में कर रहा मशक्कत भूखे मरने की स्थिति का हो रहा आगाज
गुनौर निज प्रतिनिधि:-विदित हो कि शिक्षा विभाग के संकुल शिक्षा केंद्र गुनौर में लापरवाही पूर्वक ढीले रवैए के कारण अतिथि शिक्षकों की पगार देने में की जा रही भारी लापरवाही सत्र 2018 19 का पूरा शिक्षा सत्र बीत जाने के बाद भी अभी आज तक अतिथि शिक्षकों को 6 माह से वेतन के नाम पर एक भी फूटी कौड़ी नहीं मिली फिर भी अतिथि शिक्षक निरंतर लगातार शैक्षणिक कार्य करते इमानदारी से नजर आए व बखूबी छात्रों के भविष्य हेतु अपने शैक्षणिक कार्य में तैनाती सी डटे रहे बावजूद वेतन तो मिली ही नहीं इसके अतिरिक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल के आदेशानुसार अनुभव कार्यप्रणाली के तहत अतिथि शिक्षकों ने संकुल से संस्था संस्था से संकुल का चक्कर काट काट कर भारी मशक्कत और परेशानी के बाद उधारी के कर्ज में डूब कर रह गए हैं जिम्मेदार अधिकारियों ने पूरी स्थिति को जानते हुए भी    अतिथि शिक्षकों से लगातार निरंतर कार्य एवं दफ्तरों के चक्कर कटवाने के बाद भी इन्होंने वेतन देने के नाम पर भीषण गर्मी में बेशर्मी की चुप्पी भरी चादर ओढ़ रखी है इन्हें जरा भी लज्जा और शर्म नहीं आ रही की इन गरीब अतिथि शिक्षकों का परिवार किस स्थिति से इस भीषण तेज तेज गर्मी में गुजारा करता होगा ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशानुसार प्रत्येक माह अतिथि शिक्षकों को वेतन दिया जाना चाहिए

 

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